लेबनानी नेताओं ने बहरैन में ऑले खलीफा के हाथों बहरैनी क़ौम के अधिकारों के हनन की समाप्ति पर जोर दिया है। प्रेस टीवी की रिपोर्ट के अनुसार लेबनानी नेताओं ने बैरूत में एक बैठक में ऑले खलीफा सरकार से मांग की है कि बहरैनी क़ौम के ख़िला़फ अपनी आपराधिक और भेदभावपूर्ण नीतियों को समाप्त करे और राजनीतिक दलों के बीच सार्थक बातचीत का मार्ग प्रशस्त करे।
इस बैठक में शामिल लोगों ने कहा है कि बहरैनी क़ौम को धार्मिक और राजनीतिक स्वतंत्रता से वंचित करने के परिणाम उल्टे निकलेंगे। इस बैठक में शामिल एक नेता यूसुफ रबह ने कहा कि ऑले खलीफा के हाथों बहरैनी क़ौम को धार्मिक और राजनीतिक अधिकारों से वंचित किया जाना बहरैन के और अंतरराष्ट्रीय नियमों के विपरीत है।
उन्होंने कहा कि ऑले खलीफा सरकार ने अब तक अट्ठाईस से अधिक मस्जिदों को ध्वस्त कर दिया और हजारों लोगों को गिरफ्तार करके जेलों में भर दिया है जबकि बहरैन के आंदोलन में अब तक डेढ़ सौ से ज़्यादा लोग मारे गए हैं। इस सम्मेलन में शामिल एक और बुद्धिजीवी हुसैन कबरेस ने कहा कि उल्मा के खिलाफ ऑले खलीफा की हिंसक गतिविधियों से पता चलता है कि यह सरकार संकट का शिकार हो चुकी है।
गौरतलब है कि ऑले ख़लीफ़ा सरकार ने कई उल्मा और बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार करने के साथ साथ शियों के महान मरजा-ए- तक़लीद आयतुल्लाह सीसतानी के प्रतिनिधि को भी देश से निकाल दिया है। आयतुल्लाह सीसतानी के प्रतिनिधि शेख नेजात इस समय लेबनान में हैं।
15 मई 2014 - 14:24
समाचार कोड: 608855

लेबनानी नेताओं ने बैरूत में एक बैठक में ऑले खलीफा सरकार से मांग की है कि बहरैनी क़ौम के ख़िला़फ अपनी आपराधिक और भेदभावपूर्ण नीतियों को समाप्त करे और राजनीतिक दलों के बीच सार्थक बातचीत का मार्ग प्रशस्त करे।